•   Thursday, August 28

अफसोस है...!! बरखा मुणोत,, नागपुर

सुशांत सिंह राजपूत शायद यही कह रहे होंगे , आखिर मैंने प्यार क्यों किया...? जब उनके खुद के प्यार ने उन्हें दुनिया से अलविदा करने को कहा। बहुत ही विचित्रता हैं । प्यार में बचपना सुना था, पागलपन भी सुना था लेकिन पैसो के लिए प्यार  कभी नहीं सुना था। अब वो भी देख लिया। फिल्मों की दुनिया की अगर बात करें तो यहाँ प्यार पर ही न जाने कितनी कहानियां बताई गई है। सब एक से बढ़ कर एक  मोहब्बत की दास्तां पर वही कलाकार जब रियल लाइफ में प्यार करता हैं, तो वो अपनी फिल्मों से अलग  स्टोरी बनना चाहता हैं। जो कल्पना से परे है। ऐसे में कभी रिश्ता शर्मसार  होता तो कभी प्यार। यहाँ नाम से मतलब है अच्छे बुरे से कोई फर्क नही पड़ता। कोई प्यार को लेकर चर्चा में है, तो कोई ब्रेकअप को, कोई शादी को लेकर तो कोई तलाक। चर्चा हो बस।फिलहाल इन दिनों सुशांत सिंह राजपूत की कहानी  हॉट टॉपिक है।
प्यार के लिए कुछ भी, कहने वालों में से एक थे सुशांत। पहला प्यार बहुत खास होता है। उसका नया अहसास आवारा बना देता हैं। अंकिता लोखंडे के साथ कुछ ऐसा ही था मानव का किरदार निभाने वाले सुशांत का रिश्ता। पवित्र रिश्ता  सीरियल ने इनको बहुत अच्छे मुकाम तक पहुँचाया और दोनों प्यार के बंधन  के कैदी बन गए। इनका इश्क़ परवाने चढ़ रहा था,  खबरों की सुर्खियों में इनके इश्क़ के चर्चे थे। दोनो एक साथ रहने भी लगे थे। फिर अचानक एक दिन खबर आई कि सुशांत का ब्रेकअप हो गया। क्यों हुआ, क्या हुआ वो तो सुशांत ही जाने।
पहले प्यार में ना कामयाब रहे सुशांत ने अब अपना पूरा ध्यान अपने कैरियर पर लगाया। एम. एस. धोनी ने धूम मचा दी। एक बार फिर ये किरदार सुर्खियों में था, बुलंदियों ने दरवाजे पर दस्तक दी और शुरू हुआ नया सफर। अपने पहले प्यार को भूल भी नहीं पाए थे, कि उनकी मुलाकात रिया से हो गई। भाई प्यार तो प्यार है। पहला हो या दूसरा। रिया चक्रवर्ती  ने प्यार का खेल भी दिमाग से खेला। प्यार के नाम पर लूट, धोका और मौत दे दी सुशांत को।  करोडों का खेल खेल गई रिया। चंदन भी लगाया तो दिमाग से। कंपनी की जिम्मेदारी खुद लेकर। अवसाद भी दिया और डॉक्टर भी। डॉक्टर के साथ मिल कर लुपाछूपी का खेल भी खेला। किसी को कानो कान भनक तक नही लगने दी।पूरा जाल बुना और दुनिया को बताया कि ये मर्डर नहीं आत्महत्या है। किसी ने राजपूत को कायर कहा,किसी ने हारा हुआ कहा। लेकिन जाँच में आखिर  सच सामने आ ही गया।
गलत कौन है? सुंशांत जिसने बेइंतहा इश्क किया ? या वो पैसे की भूख जिसने जान ले ली। सोचने वाली बात हैं। ये कैसा लालच है पैसो का। क्या प्यार करना गलत है..? अगर है तो आज प्यार पर विश्वास करने वाले ने भी धोका खाया है, आज दोस्ती के रिश्ते ने भी धोका खाया है, आज हर वो रिश्ता शर्मसार हुआ है जो प्यार को बुनियादी बताता है। सुशांत की याद में चौक को नाम दिया गया, उनका निजी आवास मेमोरियल बनेगा। क्या ये सब करने से न्याय मिल जायेगा या सुशान्त वापस आ जायेगा। ना जाने ऐसे कितने सवाल है जो सिर्फ सवाल है। अब तारीख़ पे तारीख़ तय करेगी। असल में गुनाह किस का है प्यार का या प्यार के नाम पर खेल  खेलने वालों का। आज  हम  सब दुखी है, फ़िल्मी दुनिया ने अपना चमकता सितारा खो दिया है।